Risperidone in Autism: दुष्प्रभाव, फ़ायदे, और Success Stories

रिसपेरीडोन (Risperidone) एक असामान्य एंटीसाइकोटिक (antipsychotic)दवा है जिसका उपयोग ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (autism spectrum disorder), सिज़ोफ्रेनिया (schizophrenia) और द्विध्रुवी विकार (bipolar disorder) सहित विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य (mental conditions) स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। रिसपेरीडोन का उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है। Risperidone in autism अक्सर बच्चों में दोहराव वाले व्यवहार (Repetitive behaviors), चिड़चिड़ापन (irritability), आक्रामकता (Aggression) और खुद को नुकसान पहुँचाने वाले व्यवहार (self harming behavior) को प्रबंधित करने के लिए निर्धारित की जाती है। डॉक्टर आमतौर पर गंभीर ऑटिज्म (severe autism) के मामलों के लिए रिसपेरीडोन की सलाह देते हैं। Risperidone for autism in Hindi में इसके साइड इफेक्ट्स, फायदे और सफलता की कहानियां के बारे में पढ़ेंगे

रिसपेरीडोन आवश्यक औषधियों की सूची में (Risperidone in List of Essential list of Medicine)

रिसपेरीडोन (Risperidone) विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization’s list of essential medicines ) की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है और जेनेरिक रूप में उपलब्ध है। 2024 में, यह संयुक्त राज्य अमेरिका में 183वीं सबसे अधिक निर्धारित दवा है, जिसमें कुल 536,202 रोगियों के लिए 2,609,294 दवा पर्चियाँ लिखी गई है।

Risperidone in Autism

रिसपेरीडोन का लाभ

  • रिसपेरीडोन का प्राथमिक लाभ यह है कि यह ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों में संवेदी समस्याओं (sensory difficulties) को प्रबंधित करने में मदद करता है।
  • अध्ययनों से पता चलता है कि रिसपेरीडोन दिए जाने वाले बच्चों में आक्रामकता कम होती है, वे कम नखरे करते हैं, खुद को नुकसान पहुँचाने वाला व्यवहार कम करते हैं और नियमित गतिविधियों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
  • समय के साथ, वे अधिक केंद्रित भी हो जाते हैं।

बाजार में रिसपेरीडोन का नाम (Name of Risperidone in the Market)

रिसपेरीडोन बाजार में अलग-अलग ब्रांड नामों से उपलब्ध है। इसके कुछ ब्रांड नाम इस प्रकार हैं

Risperdal

Risnia

Risdone

Sizodon

Ridal

इन ब्रांड नामों को अलग-अलग दवा कंपनियों द्वारा बेचा जाता है, लेकिन इन सभी में सक्रिय घटक यानी एक्टिव इंग्रेडिएंट रिसपेरीडोन है।

दुष्प्रभाव रिसपेरीडोन (Side effects of Risperidone)

हर दवा की तरह, रिसपेरीडोन के भी कुछ दुष्प्रभाव हैं। रिसपेरीडोन के कुछ दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं:

  • उनींदापन (Drowsiness)
  • चक्कर आना (Dizziness)
  • कब्ज (Constipation)
  • प्रोलैक्टिन का बढ़ा हुआ स्तर (Elevated prolactin levels)
  • बेहोशी (Sedation),या ज्यादा नींद आना
  • बेचैनी (Restlessness)
  • मतली (nausea)
  • उल्टी (vomiting)
  • वजन बढ़ना (weight gain)
  • चिंता (anxiety)
  • पेशाब करने में कठिनाई (urinating difficulties)
  • पेट दर्द (stomach pain)
  • धुंधली दृष्टि (blurred vision)

कुछ गंभीर दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं:

  • न्यूरोलेप्टिक घातक सिंड्रोम (Neuroleptic malignant syndrome)
  • उच्च रक्त शर्करा स्तर (High blood sugar levels)
  • टारडिव डिस्केनेसिया (Tardive Dyskinesia)
  • दौरे (seizures)
  • पसीना आना (sweating)
  • भ्रम (confusion)

रिसपेरीडोन की खुराक (Dosage of Risperidone in autism)

रिसपेरीडोन की खुराक बच्चे की उम्र, व्यवहार और व्यक्तिगत ज़रूरतों पर निर्भर करती है। डॉक्टर की सलाह के बिना इसे कभी नहीं बदला जाना चाहिए। ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चों के लिए, उपचार आमतौर पर कम खुराक से शुरू होता है, जैसे कि 0.25 मिलीग्राम या 0.5 मिलीग्राम, और बच्चे की प्रतिक्रिया के आधार पर धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है। यदि बच्चे को ऐसे साइड इफ़ेक्ट होते हैं जो उसके व्यवहार को खराब करते हैं, तो माता-पिता को तुरंत डॉक्टर से इस बारे में चर्चा करनी चाहिए। डॉक्टर फिर खुराक को उसी हिसाब से समायोजित करता है। अंतिम खुराक बच्चे के वजन, उम्र और ऑटिज़्म के लक्षणों की गंभीरता के आधार पर सावधानीपूर्वक निर्धारित की जाती है।

रिसपेरीडोन कैसे काम करता है (Risperidone in Autism, how it works)

इन रिसेप्टर्स (receptors) पर कार्य करके, रिसपेरीडोन बच्चों में ऑटिज्म के लक्षणों को सुधारने में मदद करता है और धीरे-धीरे उनके जीवन कौशल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रिसपेरीडोन निम्नलिखित रिसेप्टर्स पर कार्य करता है:

रिसपेरीडोन कैसे काम करता है

डोपामाइन D2 रिसेप्टर्स (Dopamine D2 Receptors)

  1. क्रिया: इन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करता है।
  2. प्रभाव: चिड़चिड़ापन, आक्रामकता और दोहराव वाले व्यवहार को कम करता है।

सेरोटोनिन 5-HT2A रिसेप्टर्स (Serotonin 5-HT2A Receptors)

  1. क्रिया: सेरोटोनिन गतिविधि को ब्लॉक करता है।
  2. प्रभाव: मूड में सुधार करता है और चिंता को कम करता है।

अल्फा-2 एड्रीनर्जिक रिसेप्टर्स (Alpha-2 Adrenergic Receptors)

  1. क्रिया: इन रिसेप्टर्स को थोड़ा ब्लॉक करता है।
  2. प्रभाव: शांत प्रभाव प्रदान करता है।

हिस्टामाइन H1 रिसेप्टर्स (Histamine H1 Receptors)

  1. क्रिया: हिस्टामाइन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करता है।
  2. प्रभाव: हल्की बेहोशी पैदा करता है, नींद और अति सक्रियता में मदद करता है।

सफलता की कहानियाँ (Success Stories )

रिसपेरीडोन की बदौलत 8 साल का एक लड़का अब पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन गया है। उसकी माँ ने बताया कि 2 साल और 5 महीने की उम्र में उसे गंभीर ऑटिज़्म का पता चला था। रिसपेरीडोन के इस्तेमाल के करीब 5 साल बाद, उसके बेटे ने सफलतापूर्वक आत्मनिर्भरता के कौशल विकसित कर लिए हैं।

रिसपेरीडोन के साथ मेरा अनुभव (My Experience with Risperidone in autism)

मेरा बेटा 5 साल का है और 2021 में उसे मध्यम ऑटिज्म (moderate autism) का पता चला था। शुरुआत में उसे कई व्यवहार संबंधी चुनौतियाँ थीं, जिसमें नींद की समस्याएँ शामिल थीं, जहाँ वह बहुत कम सोता था और अक्सर पूरी रात जागता रहता था, बिना किसी कारण के बहुत हँसता और रोता था, आँख से आँख नहीं मिला पाता था (No eye contact), अपने नाम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता था, संवेदी कठिनाइयाँ, बोल नहीं पाता था और दस्त और पेट दर्द जैसी गंभीर गैस्ट्रिक समस्याएँ थीं। उसने कई अन्य समस्याओं के अलावा दोहरावदार व्यवहार, भीड़ से घृणा, कोई सामाजिक संपर्क नहीं, आक्रामकता, खुद को नुकसान पहुँचाना, रूढ़िवादी व्यवहार (stereotypical behavior) और दूसरों को काटना भी प्रदर्शित किया।

उसके व्यवहार के कारण, डॉक्टर ने मेरे बेटे के लिए रिसपेरीडोन निर्धारित किया। मैं उसे पिछले तीन वर्षों से मौखिक रूप (oral form) से रिसपेरीडोन दे रही हूँ, और इनमें से लगभग सभी व्यवहार धीरे-धीरे सुधर गए हैं। हालाँकि वह पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है, लेकिन सुधार महत्वपूर्ण रहा है। मेरे अनुभव के आधार पर, रिसपेरीडोन मेरे बेटे के लिए सबसे अच्छा विकल्प रहा है।

निष्कर्ष (Conclusion: Risperidone in Autism)

अपने बच्चे के लिए रिसपेरीडोन का उपयोग करने से पहले, विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है। रिसपेरीडोन एक ऐसी दवा है जिसे केवल डॉक्टर की देखरेख में ऑटिस्टिक बच्चों को दिया जाना चाहिए। डॉक्टर बच्चे के व्यवहार की निगरानी करता है और आवश्यकतानुसार खुराक को समायोजित करता है। जबकि कई परिवारों ने रिसपेरीडोन के साथ सफलता का अनुभव किया है, कुछ माता-पिता ने साइड इफेक्ट्स की भी सूचना दी है। इसलिए, बच्चे के व्यवहार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और संभावित दुष्प्रभावों को कम करने के लिए उचित खुराक समायोजन महत्वपूर्ण है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions FAQs)


रिस्पर्डल (Risperidal) क्या है?

रिस्पेरडाल (Risperdal) रिसपेरीडोन (Risperidone) का एक ब्रांड नाम है, जो एक असामान्य एंटीसाइकोटिक (antipsychotic) दवा है जिसका उपयोग सिज़ोफ्रेनिया (schizophrenia), द्विध्रुवी विकार (bipolar disorder), ऑटिज़्म (autism) और अन्य मानसिक विकारों जैसे मानसिक स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। रिसपेरीडोन डोपामाइन (dopamine) और सेरोटोनिन (serotonin) जैसे न्यूरोट्रांसमीटर पर अपने प्रभाव के माध्यम से मूड और व्यवहार को स्थिर करके काम करता है। हालाँकि, इसके वजन बढ़ने, उनींदापन, चक्कर आना, बेहोशी आदि जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

रिसपेरीडोन का उपयोग किस लिए किया जाता है?

रिसपेरीडोन एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है जिसका उपयोग कई मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसका उपयोग ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (autism spectrum disorder), मनोभ्रंश (dementia), सिज़ोफ्रेनिया (schizophrenia), ADHD (Attention deficit hyperactivity disorder) और द्विध्रुवी विकार (bipolar disorder) जैसी स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है।

रिसपेरीडोन की न्यूनतम खुराक क्या है?

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए, उपचार आमतौर पर कम खुराक से शुरू होता है, जैसे कि 0.25 मिलीग्राम या 0.5 मिलीग्राम, और बच्चे की प्रतिक्रिया के आधार पर धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है। अंतिम खुराक बच्चे के वजन, उम्र और ऑटिज्म के लक्षणों की गंभीरता के आधार पर सावधानीपूर्वक निर्धारित की जाती है।

क्या रिसपेरीडोन से वजन बढ़ता है?

हां, रिसपेरीडोन वजन बढ़ाता है, जो एक आम दुष्प्रभाव है। यह वजन बढ़ना भूख में वृद्धि, चयापचय परिवर्तन (metabolic changes) और बेहोशी के कारण (sedation) हो सकता है।

रिसपेरीडोन क्या करता है?

रिसपेरीडोन का उपयोग विभिन्न मानसिक विकारों के प्रबंधन के लिए किया जाता है। यह डोपामाइन, सेरोटोनिन 5-HT2A, हिस्टामाइन (H1) और अल्फा-2 एड्रीनर्जिक रिसेप्टर्स पर कार्य करता है, जिससे चिड़चिड़ापन (irritability), दोहराव वाले व्यवहार (repetitive behavior), आक्रामकता (aggression) और मनोदशा अस्थिरता (mood instability) का इलाज करने में मदद मिलती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top