ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) वाले बच्चों के व्यवहार, बोलने और सामाजिक कौशल का पता लगाने के लिए कई टेस्ट और आकलन किए जाते हैं। ये Autism tests in children ज़रूरतों और कठिनाइयों को समझने में मदद करते हैं। टेस्ट के नतीजों के आधार पर, डॉक्टर माता-पिता को सही इलाज और थेरेपी चुनने में मदद करते हैं। इसमें स्पीच थेरेपी (speech therapy), ABA (applied behavior analysis (ABA), सेंसररी थेरेपी (sensory integration therapy) और ऑक्यूपेशनल थेरेपी (occupational therapy) शामिल हो सकती हैं। अगर ज़रूरत हो, तो डॉक्टर दवाइयां जैसे रिसपेरीडोन (Risperidone) भी बता सकते हैं। ये टेस्ट माता-पिता को अपने बच्चे की जिंदगी और स्किल्स को सुधारने में मदद करते हैं।
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Autism tests in children
बचपन में ही ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism Spectrum Disorder) का पता लगाना बहुत जरूरी है क्योंकि बच्चों के व्यवहार, जैसे कि बोलचाल की समस्या (communication challenges), सामाजिक मेलजोल की कठिन समस्याएं (social interaction difficulties) और डबलव वाले व्यवहार (repetitive behaviors) से बच्चों में मदद मिलती है।
ऑटिस्टिक बच्चों के लिए कुछ सामान्य परीक्षण इस प्रकार हैं :
M-CHAT (मॉडिफाइड चेकलिस्ट फॉर ऑटिस्म इन तोड़लेर्स)
टॉडलर्स में ऑटिज्म के लिए संशोधित चेकलिस्ट (M-CHAT) 16 से 30 महीने की उम्र के बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) की पहचान करने के लिए विकसित एक स्क्रीनिंग टूल है। इसमें सामाजिक संचार और व्यवहार विकास पर केंद्रित 20 प्रश्न शामिल हैं। माता-पिता को इन सवालों का जवाब “हाँ” या “नहीं” में देना आवश्यक है।
प्रश्न निम्नलिखित पर आधारित हैं:
- सामाजिक व्यवहार जैसे आँख से संपर्क ( eye contact), नामों पर प्रतिक्रिया (responding to names), खिलौनों से खेलना, आदि।
- संचार (communications) पैटर्न जैसे इशारे, शब्द, आदि।
- दोहराव वाले व्यवहार जैसे खिलौनों को पंक्तिबद्ध करना, खिलौनों को बार-बार फेंकना, कूदना, उछलना, आदि।
एम-चैट स्कोरिंग (M-CHAT Scoring)
एम-चैट में बच्चे से 20 सवाल पूछे जाते हैं। हर “जोखिम वाले” (Risky questions) जवाब के लिए 1 नंबर दिया जाता है। जितने ज्यादा नंबर होंगे, जोखिम उतना ज्यादा होगा। ये स्कोर बताता है कि बच्चे में ऑटिज़्म के लक्षण हैं या नहीं।
- 0-2 अंक (कम जोखिम): अभी कोई चिंता की बात नहीं है, लेकिन बच्चे पर नजर रखना जरूरी है।
- 3-7 अंक (मध्यम जोखिम): डॉक्टर से सलाह लेकर बच्चे का और जांच करवाएं।
- 8-20 अंक (उच्च जोखिम): बच्चे का पूरा मेडिकल चेकअप करवाएं। (comprehensive diagnostic evaluation)
- यह स्कोरिंग हमें बच्चे के जोखिम का पता लगाने और अगले जरूरी कदम उठाने में मदद करती है।
ADOS-2 (ऑटिज्म डायग्नोस्टिक ऑब्जर्वेशन स्केड्यूल – सेकंड एडिशन-Autism diagnostic observation schedule,2nd edition)
ADOS-2 (ऑटिज्म डायग्नोस्टिक ऑब्जर्वेशन स्केड्यूल – सेकंड एडिशन) एक महत्वपूर्ण टेस्ट है जो ऑटिज्म की पहचान के लिए इस्तेमाल होता है। इसे तब उपयोग किया जाता है जब ऑटिज्म के लक्षण स्पष्ट नहीं होते। यह टेस्ट बच्चों को खेल और गतिविधियों के माध्यम से परखता है। इसमें चार अलग-अलग मॉड्यूल होते हैं, जो बच्चे की उम्र और भाषा के स्तर के अनुसार चुने जाते हैं। हर मॉड्यूल बच्चे की बातचीत और व्यवहार को परखने के लिए बनाया गया है।
- मॉड्यूल 1: उन बच्चों के लिए जो बोल नहीं सकते या बहुत कम बोलते हैं।
- मॉड्यूल 2: उन बच्चों के लिए जो छोटे वाक्य बोलते हैं।
- मॉड्यूल 3: छोटे बच्चों के लिए जो अच्छी तरह बोल सकते हैं।
- मॉड्यूल 4: किशोर और वयस्कों के लिए जो आसानी से बोल सकते हैं।
इस परीक्षण में, वयस्क और बच्चे दोनों चिकित्सक के साथ बातचीत करते हैं, और चिकित्सक उनके संचार और व्यवहार के आधार पर निदान करता है
3. ADI-R (आटिज्म डायग्नोस्टिक इंटरव्यू-रिवाइज्ड-Autism Diagnostic Interview-Revised)
यह परीक्षण तब किया जाता है जब माता-पिता को लगता है कि उनके बच्चे का विकासात्मक इतिहास चिंताजनक है या उन्हें ऑटिज़्म का संदेह है। यह बच्चे के शुरुआती विकास और व्यवहार पर आधारित है। इस परीक्षण में, एक चिकित्सक माता-पिता से 93 प्रश्न पूछता है, और माता-पिता को उनका उत्तर देना होता है। प्रश्न संचार (जैसे, speech milestones), समाजीकरण (जैसे, social interaction) और दोहराव वाले व्यवहार (repetitive behavior) जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं।
4. CARS (चाइल्डहुड आटिज्म रेटिंग स्केल-Childhood Autism Rating Scale)
यह परीक्षण तब किया जाता है जब माता-पिता अपने बच्चे के व्यवहार की गंभीरता के स्तर (severity level ) से अवगत होते हैं। इसका उपयोग मध्यम से गंभीर व्यवहार (severe behaviors) का आकलन करने के लिए किया जाता है। परीक्षण में 15 श्रेणियां शामिल हैं, और बच्चे को 1 से 4 तक के रेटिंग स्केल पर स्कोर किया जाता है। किसी भी श्रेणी में उच्चतम स्कोर यह दर्शाता है कि बच्चे के लक्षण अधिक गंभीर हैं। बच्चे का समग्र स्कोर इन 15 श्रेणियों पर आधारित है।
- सामाजिक संपर्क (social interaction)
- नकल (imitation)
- भावनात्मक प्रतिक्रिया (emotional response)
- शरीर का उपयोग (body use)
- वस्तु का उपयोग (object use)
- परिवर्तन के प्रति अनुकूलन (adaptation to change)
- दृश्य प्रतिक्रिया (visual response)
- सुनने की प्रतिक्रिया (listening response)
- स्वाद, गंध और स्पर्श प्रतिक्रिया (taste, smell, and touch response)
- भय और घबराहट (fear and nervousness)
- मौखिक संचार (verbal communication)
- अशाब्दिक संचार (nonverbal communication)
- गतिविधि स्तर (activity level)
- बौद्धिक प्रतिक्रिया का स्तर और स्थिरता (level and consistency of intellectual response)
- सामान्य प्रभाव (general impression)
5. विनलैंड अडाप्टिवे बिहेवियर स्केल्स-Vineland Adaptive Behavior Scales
यह परीक्षण तब किया जाता है जब बच्चा स्कूल जाने की उम्र का होता है, और माता-पिता को अपने बच्चे के व्यवहार को समझने की आवश्यकता होती है। यह बच्चे के दैनिक जीवन कौशल (child’s daily living skills), समाजीकरण (socialization) और संचार (communication) का आकलन करता है। यह परीक्षण ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बच्चे के दैनिक जीवन कौशल पर ध्यान केंद्रित करता है। माता-पिता से बच्चे की दैनिक गतिविधियों और सामाजिक संचार के बारे में भी सवाल पूछे जाते हैं।
6. SCQ (सोशल कम्युनिकेशन क़ुएस्तिओनेरे- social communication questionnaire)
SCQ एक स्क्रीनिंग टूल है जिसका उपयोग 4 वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चों के लिए किया जाता है। यह परीक्षण तब किया जाता है जब बच्चे में ऑटिज्म के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन स्क्रीनिंग के माध्यम से पुष्टि की आवश्यकता होती है। माता-पिता को बच्चे के सामाजिक संपर्क, भाषा कौशल और व्यवहार के आधार पर प्रश्नों के उत्तर देने की आवश्यकता होती है। SCQ का उपयोग ऑटिज्म के शुरुआती लक्षणों का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है और यह उन बच्चों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है जिनका भाषा विकास (language development) और समाजीकरण (socialization) सामान्य पैटर्न से भिन्न होता है।
7. ऑटिज़्म के लिए स्क्रीनिंग और डायग्नोस्टिक प्रश्नावली (Screening and Diagnostic Questionnaires for autism)
इस परीक्षण के लिए प्रयुक्त सामान्य उपकरणों के नाम इस प्रकार हैं:
- ASQ (Autism spectrum Quotient)
- ESA (Early Screening of Autism)
यह परीक्षण तब किया जाता है जब माता-पिता को औपचारिक निदान (formal diagnosis) की आवश्यकता महसूस होती है। इस परीक्षण में पूछे गए प्रश्न विकासात्मक और सामाजिक व्यवहार से संबंधित होते हैं, जो आगे के निदान के लिए सहायक होते हैं। इसका उपयोग ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों का शुरुआती पता लगाने के लिए भी किया जाता है।
8. IQ and Cognitive Testing- आईक्यू और कोग्निटिव टेस्टिंग
यह परीक्षण ऑटिज्म या कोग्निटिव टेस्टिंग हानि वाले बच्चों को अन्य मानसिक स्थितियों वाले बच्चों से अलग करने में उपयोगी है। यह बच्चे की कोग्निटिव शक्तियों और चुनौतियों का निदान करने में भी मदद करता है। IQ परीक्षण का उद्देश्य बच्चे की बौद्धिक क्षमताओं की तुलना उसी आयु वर्ग के बच्चों से करना है। वेचस्लर इंटेलिजेंस स्केल फॉर चिल्ड्रन (WISC) एक लोकप्रिय IQ परीक्षण है जिसका उपयोग बच्चों की कोग्निटिव कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण 6-16 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आयोजित किया जाता है।
IQ Testing
- ये टेस्ट बच्चे की अलग-अलग ताकत की जांच करते हैं:
- शब्दों की समझ – भाषा को समझना और बोलने की क्षमता।
- दृश्य सोच –संरचना और स्थान से संबंधित समस्याओं का समाधान करना।
- याद रखने की क्षमता – जानकारी को याद रखना और उसका उपयोग करना।
- काम की गति – बच्चे का काम जल्दी और सही तरीके से करना।
Cognitive Testing
कोग्निटिव परीक्षण के आधार पर ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों की पहचान की जाती है और उनके लिए उचित हस्तक्षेप (appropriate intervention) और शैक्षिक योजनाएँ (education plan) बनाई जाती हैं। इसमें बच्चे की मानसिक क्षमताओं (mental abilities) का अलग से मूल्यांकन किया जाता है, जैसे..
- ध्यान और एकाग्रता: बच्चे का ध्यान लगाना और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को देखना है।
- यद्दाश्त: बच्चे के छोटे और लंबे समय तक याददाश्त को याद किया जाता है।
- कार्यकारी कौशल: योजना बनाना और उद्यमों को हल करने की क्षमता (problem solving skills) देखना है।
- दृष्टि और मोटर स्केल: आंखों से देखने और हाथ-पैर की हरकतों को साथ मिलाने की क्षमता की जांच की जाती है।
9. Sensory Processing Measures- सेंसरी प्रोसेसिंग मेझस (SPM)
यह परीक्षण तब पसंद किया जाता है जब बच्चे में संवेदी संवेदनशीलता (sensory sensitivities) होती है या संवेदी अधिभार (sensory issues) का अनुभव होता है। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार में अक्सर संवेदी मुद्दे शामिल होते हैं, और बच्चे अक्सर प्रकाश, स्पर्श और टेक्सचर के प्रति अतिसंवेदनशील या अल्पसंवेदनशील (hypersensitive or hyposensitive) होते हैं। Sensory Processing Measure (SPM) में प्रश्न और एक चेकलिस्ट शामिल होती है जो बच्चे की संवेदी आवश्यकताओं का आकलन करती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को ऑटिज्म हो सकता है, तो शुरुआती जांच और उचित परीक्षण आवश्यक हैं। विकास संबंधी देरी को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए शुरुआती निदान महत्वपूर्ण है। चूंकि हर बच्चे का व्यवहार अनोखा होता है, इसलिए विभिन्न ऑटिज्म परीक्षण व्यवहार, संचार और दोहराव वाले पैटर्न का आकलन करते हैं। उचित मूल्यांकन और परीक्षण के माध्यम से ऑटिज्म निदान प्रक्रिया को पूरा करना महत्वपूर्ण है।
बच्चों को अक्सर व्यवहार संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और एक विकासात्मक बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करके, आप अपने बच्चे के लिए उचित परीक्षण करवा सकते हैं। ये परीक्षण आवश्यक उपचार और उपचार का मार्गदर्शन करते हैं, जिससे आपको अपने बच्चे की ज़रूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करने में मदद मिलती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions FAQs)
एम-चैट स्कोरिंग (M-CHAT SCORING) क्या है?
एम-चैट में, एक बच्चे को 20 प्रश्नों के उत्तरों के आधार पर अंक दिए जाते हैं। प्रत्येक “जोखिम में” उत्तर के लिए 1 अंक दिया जाता है, और कुल अंक जोखिम के स्तर को निर्धारित करता है:
0-2 अंक (कम जोखिम-Low risk): तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है, लेकिन नियमित निगरानी की सिफारिश की जाती है।
3-7 अंक (मध्यम जोखिम-Medium risk): डॉक्टर से सलाह लेकर बच्चे का और जांच करवाएं।
8-20 अंक (उच्च जोखिम-High risk): बच्चे का पूरा मेडिकल चेकअप करवाएं।
यह स्कोरिंग हमें बच्चे के जोखिम का पता लगाने और अगले जरूरी कदम उठाने में मदद करती है।
चाइल्डहुड आटिज्म रेटिंग स्केल (Childhood autism rating scale) क्या है?
यह परीक्षण तब किया जाता है जब माता-पिता अपने बच्चे के व्यवहार की गंभीरता के स्तर से अवगत होते हैं। इसका उपयोग मध्यम से गंभीर व्यवहार का आकलन करने के लिए किया जाता है। परीक्षण में 15 श्रेणियां शामिल हैं, और बच्चे को 1 से 4 तक के रेटिंग स्केल पर स्कोर किया जाता है। किसी भी श्रेणी में उच्चतम स्कोर यह दर्शाता है कि बच्चे के लक्षण अधिक गंभीर हैं।
बच्चों के लिए वेचस्लर इंटेलिजेंस स्केल (WISC) क्या है?
वेचस्लर इंटेलिजेंस स्केल फॉर चिल्ड्रन (WISC) एक लोकप्रिय IQ टेस्ट है जिसका उपयोग बच्चों की कोग्निटिव टेस्टिंग का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण 6-16 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आयोजित किया जाता है।
ये टेस्ट बच्चे की अलग-अलग ताकत की जांच करते हैं:
शब्दों की समझ – भाषा को समझना और बोलने की क्षमता।
दृश्य सोच –संरचना और स्थान से संबंधित समस्याओं का समाधान करना।
याद रखने की क्षमता – जानकारी को याद रखना और उसका उपयोग करना।
काम की गति – बच्चे का काम जल्दी और सही तरीके से करना।