बच्चों में Eye contact कैसे सुधारें-12 Powerful Activities

आज हम 12 प्रभावी और सहायक गतिविधियों पर चर्चा करेंगे जो ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चों में आँख से संपर्क और नाम प्रतिक्रिया (Eye contact and respond to name) को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। ऐसी कई गतिविधियाँ हैं जो आप अपने बच्चों की आँख से संपर्क बढ़ाने के लिए घर पर कर सकते हैं। इस ब्लॉग में, हम ऐसी गतिविधियाँ साझा करेंगे जिन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करने से धीरे-धीरे आपके बच्चे की आँख से संपर्क (eye contact) में सुधार हो सकता है। ऑटिज़्म में आँख से संपर्क करना कई बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

ऑटिज़्म में आई कॉन्टैक्ट क्यों ज़रूरी है?

आई कॉन्टैक्ट बच्चों को अपने आस-पास की चीज़ों से जुड़ने में मदद करता है। यह उन्हें सही तरीके से संवाद करने (communication), सामाजिक बातचीत (social interaction) को समझने और अपने आसपास होने वाली गतिविधियों से सीखने में मदद करता है। अगर बच्चा आई कॉन्टैक्ट नहीं करता, तो वह कई महत्वपूर्ण सीखने के अवसरों से चूक सकता है। आई कॉन्टैक्ट, जॉइंट अटेंशन (साझा ध्यान), और नाम पुकारने पर प्रतिक्रिया देना, ये तीन चीज़ें बच्चे के सीखने और संवाद करने में बहुत अहम भूमिका निभाती हैं।

ऑटिज़्म में सेंसरी समस्याएं और आई कॉन्टैक्ट

सेंसरी समस्याएं अक्सर ऑटिज़्म वाले बच्चों के लिए आई कॉन्टैक्ट करना मुश्किल बना सकती हैं। कई बार, विज़ुअल सेंसरी चैलेंज के कारण बच्चे को आई कॉन्टैक्ट करना असहज लगता है। यही वजह है कि ऑटिज़्म वाले बच्चे अक्सर दूसरों की ओर नहीं देखते। माता-पिता को अपने बच्चे पर जबरदस्ती आई कॉन्टैक्ट बनाने का दबाव नहीं डालना चाहिए। इसके बजाय, उन्हें ऐसा माहौल बनाना चाहिए जो आरामदायक और सहयोगपूर्ण हो। धीरे-धीरे, नियमित प्रैक्टिस और हल्के प्रोत्साहन से, बच्चे का आई कॉन्टैक्ट सुधार सकता है।

अगर बच्चा बार-बार नाम पुकारने पर भी आई कॉन्टैक्ट नहीं करता या प्रतिक्रिया नहीं देता, तो माता-पिता को इस पर ध्यान देना चाहिए और बच्चे की आई कॉन्टैक्ट (eye contact) क्षमता बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर काम करना चाहिए।

ऑटिज़्म में Eye contact and respond to name सुधारने की गतिविधियां

नीचे दी गई गतिविधियां नाम पर प्रतिक्रिया और आई कॉन्टैक्ट दोनों में सुधार के लिए उपयोगी हैं। ऑटिज़्म वाले बच्चे कई बार दूसरों की बात सुनने या ध्यान देने में रुचि नहीं दिखाते। ऐसे में, यदि हम उनकी पसंदीदा गतिविधि के जरिए उनका ध्यान आकर्षित करें, तो बेहतर सुधार हो सकता है। माता-पिता को बच्चों के साथ समय बिताते समय धैर्य रखना चाहिए।

1. नाम और आस-पास की चीज़ों के प्रति जागरूकता

  • एक डिब्बा लें और उसमें कुछ सिक्के या पत्थर डालकर बंद कर दें।
  • डिब्बे पर चमकदार चीज़ या पन्नी चिपकाएं, ताकि बच्चे का ध्यान आकर्षित हो।
  • बच्चे का ध्यान खींचने के लिए साउंड बॉक्स का इस्तेमाल करें।
  • बच्चे का नाम पुकारें और डिब्बे को हिलाएं। इसे ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं सभी दिशाओं में हिलाएं।

2. रिइंफोर्सर का उपयोग करें

  • बच्चे के हाथ में चमकदार खिलौना या टेक्स्चर वाला आइटम दें, जिससे वे खेलते समय आनंद लें।
  • बच्चे का ध्यान आकर्षित करने के लिए उनका नाम लें या उनके साथ खेलें।
  • खिलौने को अपनी आंखों के पास लाकर बच्चे से आई कॉन्टैक्ट बनाने की कोशिश करें।
  • कुछ समय बाद खिलौना लें और फिर से वापस देकर बच्चे का ध्यान दोबारा आकर्षित करें।
  • यह बच्चे को खेलते समय आपकी ओर देखने के लिए प्रेरित करेगा।

3. ऑटिज़्म में आँख से संपर्क के लिए एक सेंसरी बिन (sensory bin) बनाएं

eye contact
  • आप इन चमकदार रैपर का उपयोग बच्चों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कर सकते हैं। क्योंकि यह एक विज़ुअल एक्टिविटी है, बच्चे इन रैपर को देखकर आप पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इन रैपर का इस्तेमाल करके आप बच्चों को आवाज़ दे सकते हैं और उन्हें आई कॉन्टैक्ट बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
  • आप अपने बच्चे को रैपर का इस्तेमाल करके फूंक मारना भी सिखा सकते हैं। रैपर को छोटे-छोटे टुकड़ों में फाड़ें और बच्चे को उन्हें फूंक मारकर उड़ाने के लिए प्रोत्साहित करें। फूंक मारना स्पीच थेरेपी का एक महत्वपूर्ण पहला कदम है, और नियमित प्रैक्टिस से बच्चा धीरे-धीरे इस कौशल में माहिर हो जाएगा।
  • रैपर को अपनी आंखों के पास पकड़ें और फूंक मारें।

4. बबल गन या बबल टॉय (bubble gun and bubble toy) का उपयोग करें

  • बबल्स फुलाएं और बच्चे को आपकी तरफ देखने के लिए प्रोत्साहित करें। जब आप और आपका बच्चा बबल्स फुलाएं, तो उसकी तारीफ करें जैसे ‘बहुत अच्छा’, ‘वाह’, आदि, ताकि बच्चा इस एक्टिविटी का मजा ले और आपको बेहतर प्रतिक्रिया दे।
  • खेलते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप समय-समय पर बच्चे से आई कॉन्टैक्ट करें।
bubble activity autistic kids

5. पीक-ए-बू और हाइड एंड सीक गेम्स खेलें

  • पीक-ए-बू और हाइड एंड सीक जैसे खेल ऑटिज़्म वाले बच्चों में आई कॉन्टैक्ट सुधारने में मदद करते हैं। ये गेम स्वाभाविक रूप से बच्चों को आंखों से संपर्क बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
  • शुरुआत में, बच्चा इन खेलों में ज्यादा रुचि नहीं दिखा सकता, लेकिन धीरे-धीरे वह खेलने में मजा लेने लगता है।
  • मैंने भी अपने बेटे का आई कॉन्टैक्ट सुधारने के लिए ये गेम खेले। पहले वह मुझे ढूंढ नहीं पाता था, लेकिन जब मैंने उसकी पसंदीदा चीज़ें छुपानी शुरू कीं, तो वह मुझे ढूंढने की कोशिश करने लगा।

6. वाइब्रेटिंग खिलौनों (vibrating toys) का इस्तेमाल करें

  • वाइब्रेटिंग खिलौने ऑटिज़्म वाले बच्चों में आई कॉन्टैक्ट सुधारने में सहायक हो सकते हैं। खासतौर पर वे खिलौने जो रोशनी और आवाज़ दोनों देते हैं, बच्चों को आकर्षित करते हैं।
  • आप इन खिलौनों को अपनी आंखों के पास रखकर बच्चे का ध्यान खींच सकते हैं। धीरे-धीरे बच्चा आई कॉन्टैक्ट करना शुरू करेगा, और समय के साथ आई कॉन्टैक्ट की अवधि बढ़ेगी।

7. स्टिकर या बिंदी का इस्तेमाल करें

  • अपने चेहरे पर बिंदी या स्टिकर चिपकाएं और बच्चे को उन्हें हटाने के लिए कहें।
  • जब बच्चा बिंदी या स्टिकर हटाएगा, तो वह स्वाभाविक रूप से आपकी ओर देखेगा। यह गतिविधि आई कॉन्टैक्ट सुधारने का शानदार तरीका है।

8. गानों के साथ एक्शन करें

  • बच्चों के साथ गाने गाकर आई कॉन्टैक्ट बढ़ाएं, जैसे ‘ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार’ या ‘जॉनी जॉनी यस पापा’।
  • गानों के साथ इशारों का इस्तेमाल करें और बच्चे को इन इशारों की नकल करने के लिए प्रेरित करें।
  • अगर बच्चा नकल नहीं करता, तो आप धीरे से उसकी मदद कर सकते हैं। यह न केवल आई कॉन्टैक्ट बढ़ाता है बल्कि शरीर की जागरूकता (body awareness) भी बढ़ाता है।

9. शीशे का इस्तेमाल करें

  • ऑटिज़्म में आई कॉन्टैक्ट सुधारने के लिए शीशे का इस्तेमाल करें।
  • बच्चे के साथ शीशे के सामने खड़े होकर अलग-अलग चेहरे बनाएं। यह गतिविधि आपके और बच्चे के बीच जुड़ाव बनाएगी और आई कॉन्टैक्ट में सुधार करेगी।

10. पसंदीदा स्नैक्स का उपयोग करें

  • बच्चे की पसंदीदा चीज़ें, जैसे स्नैक्स या कोई और खाने की चीज़, अपनी आंखों के पास रखें। बच्चे का नाम पुकारें और उसे स्नैक्स लेने के लिए प्रेरित करें।
  • जब बच्चा आपसे स्नैक लेते समय आपकी ओर देखे, तो उसकी तारीफ करें, जैसे “वाह, बहुत अच्छा किया,” या अन्य प्रेरणादायक शब्द कहें।
  • बच्चे की ऊंचाई का ध्यान रखें। जैसे अगर आप बैठेंगे और बच्चा खड़ा होगा, तो आई कॉन्टैक्ट बनाना आसान होगा।

11. आई मास्क (eye mask) का उपयोग करें

इस गतिविधि से आप बच्चे को न केवल उसका नाम सुनने पर प्रतिक्रिया देना सिखा सकते हैं, बल्कि आई कॉन्टैक्ट बनाने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैं।

आप आई कॉन्टैक्ट सुधारने के लिए एक आई मास्क का उपयोग कर सकते हैं। इसे आप घर पर कार्डबोर्ड से बना सकते हैं।

मास्क को अपनी आंखों के सामने रखें, बच्चे का नाम पुकारें और फिर वही मास्क बच्चे की आंखों के सामने रखें और उसे नाम से बुलाएं।

eye mask

12. बच्चे को गुदगुदी करना

  • आप अपने बच्चे को गुदगुदी कर सकते हैं। यह वह समय होता है जब बच्चे सबसे अच्छा आई कॉन्टैक्ट करते हैं।
  • खेलते समय बच्चों से आई कॉन्टैक्ट बनाने की कोशिश करें।
  • जब आप अपनी उंगली को दूर से हिलाते हुए बच्चे के पास लाएंगे, तो आप देखेंगे कि बच्चा बहुत अच्छा आई कॉन्टैक्ट करता है। अगर शुरुआत में वह प्रतिक्रिया नहीं देता, तो धीरे-धीरे वह प्रतिक्रिया देने लगेगा।

निष्कर्ष-Eye contact and respond to name

आखिर में, मैं यही कहना चाहूंगी कि ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों के लिए आई कॉन्टैक्ट बनाना बहुत मुश्किल हो सकता है, लेकिन समय के साथ इसमें सुधार हो सकता है। ऑटिज्म में आई कॉन्टैक्ट एक दिन में नहीं आता, लेकिन धैर्य और लगातार प्रयास से आप सकारात्मक बदलाव देखना शुरू करेंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions FAQs)

आई कॉन्टैक्ट असहज क्यों होता है?

कभी-कभी सेंसरी समस्याएँ एक ऑटिस्टिक बच्चे की आई कॉन्टैक्ट बनाने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। जो बच्चे दृष्टि से जुड़ी सेंसरी समस्याओं से जूझते हैं, उन्हें आई कॉन्टैक्ट बनाए रखना मुश्किल लगता है क्योंकि यह उन्हें तनावपूर्ण और असहज महसूस कराता है।

ऑटिज्म से ग्रसित लोग आई कॉन्टैक्ट क्यों नहीं बना पाते?

ऑटिज़्म से ग्रस्त लोग आंखों में संपर्क बनाने में असहज महसूस करते हैं क्योंकि उन्हें सेंसरी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें सोशल इंटरएक्शन, इमोशन रेगुलेशन और नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन में भी मुश्किलें आती हैं जब वे आंखों में संपर्क बनाते हैं। वे अक्सर आंखों में संपर्क बनाते समय एक ही जगह पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे उनके लिए बातचीत करना काफी मुश्किल हो सकता है।

लोग आई कॉन्टैक्ट क्यों टालते हैं?

कभी-कभी सेंसरी समस्याएं ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चों की आई कॉन्टैक्ट बनाने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। जो बच्चे विज़ुअल सेंसरी चुनौतियों का सामना करते हैं, उन्हें आई कॉन्टैक्ट बनाए रखना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इससे उन्हें बेचैनी और असुविधा महसूस होती है। इसी कारण ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चे दूसरों को देखने से बच सकते हैं। माता-पिता के लिए यह ज़रूरी है कि वे अपने बच्चे पर आई कॉन्टैक्ट बनाने का दबाव न डालें, बल्कि ऐसा समर्थनपूर्ण और आरामदायक माहौल बनाएं जो इसे बढ़ावा दे।

कैसे एक ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) वाले बच्चे को उसके नाम पर प्रतिक्रिया दिलवाएं?

एक ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) वाले बच्चे को उनका नाम सुनने पर प्रतिक्रिया करने में मदद करने के लिए, एक शांतिपूर्ण वातावरण बनाएं और आसपास के शोर-शराबे को कम करें। नाम पुकारने वाली गतिविधियाँ जैसे Peek-a-boo, Hide and Seek, और पसंदीदा खिलौने या रिवॉर्ड्स का इस्तेमाल करें जब आप उनका नाम पुकारें।

ऑटिज्म वाले बच्चे किसके लिए रोते हैं?

हाँ, एक ऑटिस्टिक बच्चा भी किसी दूसरे बच्चे की तरह रो सकता है। हालांकि, ऑटिस्टिक बच्चे के रोने के कारण कुछ मामलों में अलग हो सकते हैं। रोने के कुछ कारण हो सकते हैं:
1) संवेदी अधिकता (Sensory overload)
2) संवाद की चुनौतियाँ (Communication challenges)
3) दिनचर्या में बदलाव (Changes in routine)
4) कार्यों में कठिनाई और निराशा (Frustration and difficulty with tasks)
5) भावनात्मक नियंत्रण की चुनौतियाँ (Emotional regulation challenges)

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