Autism and Vaccine के बीच का संबंध एक बहुत चर्चित और विवादित विषय रहा है। लेकिन, दुनिया भर के स्वास्थ्य संगठनों, जैसे कि CDC (Centers for Disease Control and Prevention) और WHO (World Health Organization) की रिपोर्ट्स ने बार-बार यह साबित किया है कि Autism and Vaccine के बीच कोई संबंध नहीं है।
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यह विषय माता-पिता और मेडिकल समुदाय के बीच काफी भ्रम और डर पैदा कर चुका है। गलत जानकारी के कारण माता-पिता अक्सर यह सोचकर चिंतित हो जाते हैं कि उनके बच्चे का ऑटिज्म, एडीएचडी (autism, ADHD-attention deficit hyperactivity disorder), या अन्य मानसिक समस्याएं क्या वैक्सीन से हुई हैं। इस ब्लॉग में, हम इस चिंता को समझेंगे, इस बहस के पीछे के कारण जानेंगे और वैक्सीन और ऑटिज्म के बीच के संबंध को स्पष्ट करेंगे।
ऑटिज़्म और टीकों (Autism and Vaccine) के बारे में भ्रम क्यों और कब शुरू हुआ?
ऑटिज्म और वैक्सीन (Autism and Vaccine) के बीच का भ्रम 1998 में शुरू हुआ, जब एक स्टडी ने MMR (measles, mumps, aur rubella) वैक्सीन को ऑटिज्म से जोड़ा। एंड्रयू वेकफील्ड (Andrew Wakefield’s study) की स्टडी में दावा किया गया कि यह वैक्सीन बच्चों में ऑटिज्म को बढ़ावा दे सकती है। इस कारण पूरी दुनिया में डर और भ्रम फैल गया।
इसकी वजह से कई माता-पिता ने अपने बच्चों को वैक्सीन लगवाने से बचना शुरू कर दिया। लेकिन बाद में रिसर्च में पाया गया कि एंड्रयू वेकफील्ड का अध्ययन गलत था। उनके डेटा में हेरफेर किया गया था, और नतीजे भरोसेमंद नहीं थे। 2010 में, उनका मेडिकल लाइसेंस रद्द कर दिया गया और उनके अध्ययन को आधिकारिक तौर पर वापस ले लिया गया।
फिर भी, आज भी गलत जानकारी फैल रही है, खासकर डिजिटल युग में। कई माता-पिता वैक्सीन को लेकर डर और संदेह महसूस करते हैं। CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) और WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) जैसे संगठन इन मिथकों को दूर करने और वैक्सीन की सुरक्षा पर जोर देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। माता-पिता को सही जानकारी लेनी चाहिए और अपने बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
Autism and Vaccine अध्ययन में क्या मुद्दे थे?
छोटा सैंपल साइज: वेकफील्ड का अध्ययन केवल 12 बच्चों पर आधारित था, जो किसी भी वैज्ञानिक रिसर्च के लिए पर्याप्त नहीं है।
अपना निजी वैक्सीन प्रमोट करना: बाद में पता चला कि वेकफील्ड को कानूनी मामलों के लिए पैसे मिल रहे थे। उन्होंने जानबूझकर गलत डेटा पेश किया ताकि वे अपना निजी वैक्सीन प्रमोट कर सकें।
अनविश्वसनीय और गलत: जब अन्य वैज्ञानिकों ने वेकफील्ड के अध्ययन को दोहराने की कोशिश की, तो उन्हें वही नतीजे नहीं मिले। यह साबित हुआ कि यह अध्ययन सही और भरोसेमंद नहीं था।
नैतिकता का उल्लंघन: वेकफील्ड ने रिसर्च में सहमति और नैतिक नियमों का पालन नहीं किया, जो मेडिकल रिसर्च के लिए एक बड़ी समस्या है।
Autism and Vaccine वैज्ञानिक रिसर्च
वैज्ञानिक रिसर्च और बड़े संगठनों ने यह साबित कर दिया है कि वैक्सीन से ऑटिज्म नहीं होता। यह रिसर्च बड़े पैमाने पर की गई हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं। नीचे दिए गए संगठनों ने इस पर मुख्य काम किया है:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ-WHO)
- सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी-CDC)
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच-NIH)
एमएमआर वैक्सीन का उपयोग (MMR Vaccine use)
MMR वैक्सीन (मीजल्स, मम्प्स, रूबेला-measles, mumps, aur rubella) ने उन गंभीर बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो पहले बच्चों में काफी मौतों का कारण बनती थीं। वैक्सीनेशन से पहले, मीजल्स, मम्प्स और रूबेला (measles, mumps, aur rubella) जैसी बीमारियों से काफी जटिलताएं और मौतें होती थीं। MMR वैक्सीन के कारण, इन बीमारियों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया गया है, जिससे लाखों जिंदगियां सुरक्षित हुई हैं।
खसरे के मामलों में वैश्विक वृद्धि -2023 (Global Increase in Measles Cases)
- दुनिया भर में महामारी के फैलने का मुख्य कारण टीकाकरण में गिरावट है। 2023 में पूरे विश्व में 10.3 मिलियन मामले आए, जो 2022 से 20% अधिक हैं। यह बढ़ोतरी इसलिए हुई क्योंकि लाखों बच्चों ने अपनी जरूरी वैक्सीनेशन की डोज़ नहीं ली।
- मुख्य कारण यह है कि 22 मिलियन से ज्यादा बच्चों ने अपनी मीजल्स वैक्सीनेशन की पहली डोज़ मिस की। दुनिया भर में केवल 74% बच्चों को दूसरी डोज़ मिली, जो कि 95% के लक्ष्य से काफी कम है, जो मानव जीवन में प्रतिरक्षा (Herd Immunity)के लिए जरूरी है।
आप टीकों के बारे में गलत सूचना के कारण विभिन्न देशों में खसरे के मामलों के बारे में अधिक जानकारी भी पढ़ सकते हैं। इस लेख में आपको कुछ लिंक मिलेंगे, जिन्हें आप पढ़ सकते हैं और अधिक जानकारी पा सकते हैं
- CDC (Centers for Disease Control and Prevention-सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) रिपोर्ट्स, टाइटल है “Measles Cases and Outbreaks” for this visit CDC Measles page
- World Health Organization-विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) रिपोर्ट्स, टाइटल है “Europe Measles Status Report 2019”, read WHO report on Measles
- UNICEF रिपोर्ट्स: Child Immunization Coverage
मानव जीवन में वैक्सीन का महत्व (Importance of vaccine in human life)
टीकाकरण ने दुनिया भर में बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये हमारे शरीर को मजबूत बनाने और इम्यून सिस्टम को वायरस से बचने के लिए मजबूत बनाते हैं। टीके को समय-समय पर निर्धारित शेड्यूल (schedule) के अनुसार लगवाना चाहिए। अगर आपको टीकों को लेकर कोई चिंता या सवाल है, तो अपने बच्चों के डॉक्टर (Pediatrician doctor) से बात करना जरूरी है। वे आपको सही जानकारी देंगे और आपकी चिंताओं का समाधान करेंगे।
ऑटिज्म के कारण (cause of Autism)
जेनेटिक कारण (Genetic Factors)
- अगर किसी माता-पिता को ऑटिज़्म है, तो बच्चे को ऑटिज़्म होने की संभावना ज्यादा होती है।
- कुछ जेनेटिक बीमारियाँ जैसे Rett सिंड्रोम, Fragile X सिंड्रोम, और Tuberous Sclerosis ऑटिज़्म से जुड़ी हुई हैं।
- गर्भावस्था या बच्चों के शुरुआती विकास के दौरान जेनेटिक परिवर्तन ब्रेन की संरचना और कार्य को प्रभावित कर सकते हैं।
मस्तिष्क विकास संबंधी मुद्दे (Brain Developmental Issues)
- दिमाग की संरचना (brain structure) या सिग्नलिंग रास्तों (brain signaling pathways) में कुछ अंतर हो सकते हैं, जैसे कि सेरेबेलम और अमिग्डाला का असामान्य विकास (abnormal development of the cerebellum and amygdala)।
- न्यूरोट्रांसमीटर जैसे सेरोटोनिन और डोपामिन (serotonin and dopamine) का नियंत्रण दिमाग की सिग्नलिंग (brain signaling) को प्रभावित कर सकता है, जो संभावित रूप से ऑटिज़्म का कारण हो सकता है।
जन्मपूर्व कारण और आयु (Prenatal Factor and Prenatal Age)
- गर्भावस्था के दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याएं (such as diabetes or some infection) या विषाक्त पदार्थों का संपर्क (toxic exposure), जैसे भारी धातुएं या हवा में प्रदूषण (heavy metals or air pollutants ), बच्चे के दिमागी विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
- माता-पिता की उम्र बढ़ने से, खासकर पिता की उम्र बढ़ने से, जोखिम बढ़ सकता है।
एनवायर्नमेंटल फैक्टर्स (Environmental Factors)
- बड़े उम्र के माता-पिता, गर्भावस्था के दौरान हानिकारक दवाओं (such as valproic acid or thalidomide) का सेवन, और प्रदूषण ऑटिज़्म के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- कीटनाशकों, प्लास्टिक या अन्य पर्यावरणीय रसायनों से संपर्क बच्चों के विकास संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
इम्यून सिस्टम संबंधी समस्याएं (Immune System Issues)
- गर्भावस्था के दौरान अगर माँ को ऑटोइम्यून बीमारी हो, तो यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर असर डाल सकती है। इससे बच्चे का मस्तिष्क सही तरीके से विकसित नहीं हो पाता, जो बाद में विकासात्मक समस्याओं का कारण बन सकता है।.
Clear मिथ (Myths Debunked)
- टीकों और पालन-पोषण शैलियों को एक समय गलत तरीके से ऑटिज्म से जोड़ा जाता था, लेकिन यह वैज्ञानिक रूप से गलत साबित हो चुका है।
कम वजन या समय से पहले जन्म (Pre-mature Birth)
- प्रारंभिक जन्म, कम जन्म वजन और डिलीवरी के दौरान ऑक्सीजन की कमी को भी ऑटिज़्म से जोड़ा जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)-Autism and Vaccine
Autism and Vaccine के बीच कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। वैक्सीन्स सुरक्षित हैं और बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाती हैं। आजकल गलत जानकारी जल्दी फैलती है, लेकिन हमें तथ्यों और विज्ञान पर विश्वास करना ज़रूरी है ताकि हम अपने बच्चों को बचाने के लिए उन्हें जरूरी वैक्सीनेशन दे सकें। सही फैसले लें और दूसरों को भी यही बताएं ताकि बच्चों को आवश्यक वैक्सीनेशन मिल सके।
ऑटिज़्म वाले बच्चों को पहले से ही कई समस्याएँ होती हैं, जैसे पेट की समस्याएँ, नींद की परेशानियाँ और व्यवहार संबंधी दिक्कतें। अगर उन्हें टीके नहीं लगाए जाते, तो वे और भी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकते हैं। इसलिए, माता-पिता के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सक्रिय रहें और उन्हें एक बीमारी-मुक्त वातावरण दें। टीकाकरण उनकी सेहत और भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद करता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions FAQs)
ऑटिज्म का क्या कारण है?
ऑटिज़्म के कारण पूरी तरह से समझे नहीं गए हैं, लेकिन कुछ कारण इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। जेनेटिक कारण, जैसे परिवार में इसका इतिहास, ऑटिज़्म का एक बड़ा कारण हो सकता है। कुछ जेनेटिक विकार, जैसे Rett सिंड्रोम, Fragile X सिंड्रोम, और Tuberous Sclerosis भी ऑटिज़्म से जुड़े हुए हैं। गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य समस्याएं और विषाक्त पदार्थों जैसे भारी धातु और वायु प्रदूषक भी बच्चे के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। मस्तिष्क के विकास में कोई असमानता या न्यूरॉन कनेक्टिविटी का प्रभाव भी ऑटिज़्म से जुड़ा हुआ है। माता-पिता की उम्र बढ़ने पर, खासकर पिता की उम्र, जोखिम बढ़ सकता है। फॉलिक एसिड की कमी जैसी पोषण की कमी भी गर्भावस्था के दौरान प्रभाव डाल सकती है।
एमएमआर वैक्सीन और ऑटिज्म के बीच क्या संबंध है?
टीके और ऑटिज्म के बीच जो भ्रम है, वह 1998 में शुरू हुई थी जब एक अध्ययन ने एमएमआर-MMR (measles, mumps, aur rubella) का टीका ऑटिज्म से जोड़ा था। एंड्रयू वेकफील्ड के अध्ययन में दावा किया गया था कि वैक्सीन बच्चों में ऑटिज्म को बढ़ावा दे सकती है, जिससे दुनिया भर में व्यापक भय और भ्रम पैदा हो गया। आगे के शोध से पता चला कि एंड्रयू वेकफील्ड का अध्ययन धोखाधड़ी वाला था। उनके डेटा में हेरफेर किया गया था, और निष्कर्ष अविश्वसनीय थे। 2010 में, उनका मेडिकल लाइसेंस रद्द कर दिया गया था, और अध्ययन को आधिकारिक तौर पर वापस ले लिया गया था।ऑटिज्म के बच्चे पहले ही कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दे, नींद की समस्या, और व्यवहार संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। अगर उन्हें वैक्सीन नहीं लगती, तो उन्हें और भी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।